Spirituality

गायत्री परिवार का अश्वमेघ यज्ञ

किशोर कुमार https://www.youtube.com/watch?v=wsd1VEuL1lA दुनिया के झंझटों से परेशान होकर कुछ व्यक्ति एक वटवृक्ष के नीचे बैठे वार्तालाप कर रहे थे। सभी विमर्श कर रहे थे कि तपस्या से प्रभावित होकर...

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नववर्ष : नई आशाओं और नए संकल्पों का दिवस

किशोर कुमार       हम अपनी मान्यताओं के आधार पर किसी भी दिवस को नववर्ष के रूप में मना लें, पर शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से खुद में बदलाहट का संकल्प...

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गीता महोत्सवों की व्यापकता के मायने

किशोर कुमार श्रीमद्भगवतीता यानी भगवान् श्रीकृष्णके मुखारविन्दसे निकली हुर्इ दिव्य वाणी। आगामी 22 दिसंबर को इस संजीवनी विद्या के प्रकटीकरण के 5161 साल पूरे हो जाएंगे। उसी दिन भारत सहित...

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संत मीराबाई हर युग में, हर काल में प्रासंगिक

किशोर कुमार संत मीराबाई प्रासंगिक थीं, हैं और रहेंगी भी। अच्छा है कि उनकी 525वीं जयंती बड़े पैमाने पर मनाई जा रही है और उनकी स्मृति में डाक टिकट और...

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विजयादशमी का यौगिक संदेश – नियति को बदला जा सकता है

परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती आज विजयदशमी का दिन है और यह दो सम्प्रदायों का पवित्र उत्सव है। एक वैष्णव सम्प्रदाय का और दूसरा शाक्त सम्प्रदाय का। नौ दिन तक वैष्णव...

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भावातीत स्वरूप वाली महान संत आनंदमयी मां

किशोर कुमार // बीसवीं सदी की महान योगिनी श्री आनंदमयी मां विंध्याचल स्थित अपने आश्रम में थीं। मिर्जापुर के जिलाधिकारी उनके दर्शन के लिए आश्रम पहुंचे तो मां ने उन्हें...

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आत्मज्ञानी संतों का मूल्यांकन भला कैसे हो!

किशोर कुमार // भारत भूमि पर भक्ति आंदोलन के जितने भी आत्मज्ञानी संत हुए, उनमें से किसी ने भी मातृ-शक्ति की महत्ता को कमतर नहीं आंका और न ही ऐसा...

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नववर्ष का संकल्प औऱ प्रार्थना की शक्ति

किशोर कुमार //      नववर्ष में कैसा हो संकल्प, कैसी हो प्रार्थना कि न केवल जीवन अर्थपूर्ण बन जाए, बल्कि वह विश्व के लिए राष्ट्र का संदेश बन जाए? स्वामी विवेकानंद...

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गुरू पूर्णिमा नहीं, शिष्य पूर्णिमा कहिए!

किशोर कुमार

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योग और स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती

किशोर कुमार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अगले महीने ही है। उसे व्यापक स्तर पर मनाने की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। जोर इस बात पर है कि शरीर को...

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बात संतमत और संतों की

एस.के.राय / इस धरती पर अनेकानेक संत अवतरित हुए और जनमानस के बीच ब्रह्मज्ञान से संबंधित अनुभव साझा किए। वे न तो अपना कोई साम्राज्य स्थापित करने आए थे, न...

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बुद्धि सब कुछ नहीं, भावना प्रमुख है

परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती मनुष्य के जीवन में बुद्धि ही सब कुछ नहीं है। मानव जीवन में बुद्धि का अस्तित्व ज्ञान अर्जन के लिए है, निर्णय लेने के लिए है।...

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