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ऐसे मिलेगा शक्तिशाली योग विज्ञान का अधिकतम लाभ

परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती // योग को चार भागों में बांटा गया है। एक भौतिक शरीर के लिए, दूसरा प्राण-शक्ति के लिए, तीसरा विश्राम और चौथा ध्यान। योग का मतलब क्या है? इसका अर्थ है शारीरिक मुद्रा, श्वास लेने के व्यायाम, विश्राम और ध्यान, ये योग के चार भाग हैं। अब, पहला क्या है? इसे शारीरिक आसन यानी हठ योग आसन कहा जाता है। किसी विशेष शारीरिक मुद्रा को धारण करने से मानव ग्रंथियां प्रभावित होती हैं। शरीर में कई ग्रंथियां हैं, जो शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य में बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं। जैसे, थायरॉयड ग्रंथि, थाइमस ग्रंथि, अधिवृक्क, अग्न्याशय, आदि। यदि इनमें असंतुलन हो तो शारीरिक और मानसिक रोग हो जाते हैं। आपने छोटे लड़के-लड़कियों को मिर्गी के दौरे से पीड़ित देखा होगा। यह ग्रंथि संबंधी असंतुलन के कारण होता है। योग आसनों के अभ्यास से ग्रंथियों के स्राव में संतुलन लाया जा सकता है। अगर शरीर का तंत्रिका तंत्र कमजोर...

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August 27, 2023

भावातीत स्वरूप वाली महान संत आनंदमयी मां

किशोर कुमार // बीसवीं सदी की महान योगिनी श्री आनंदमयी मां विंध्याचल स्थित अपने आश्रम में थीं। मिर्जापुर के जिलाधिकारी उनके दर्शन के लिए आश्रम पहुंचे तो मां ने उन्हें आश्रम के अहाते की एक जगह दिखाते हुए कहा, इस भूमि के गर्भ में अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां सदियों से गड़ी हैं। अब उनका दम घुटने लगा है। आप उस स्थल की खुदाई करवा कर उन्हें निकालने का प्रबंध कर दें। यह बात सन् 1955 की है। जिलाधिकारी नृसिंह चटर्जी ने मां के इस आग्रह को किसी दैवी आदेश की तरह लिया और हैरानी की बात यह रही कि लंबे समय तक चली खुदाई के बाद लगभग दो सौ मूर्तियां मिल गई थीं। यह घटना किसी चमत्कार से कम न थी। कोई दो दशकों तक मां की साधना का मुख्य केंद्र काशी रहा। शुरूआती दिनों में आश्रम के लिए जगह की तलाश की जा रही थी। पर बात बन नहीं...

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November 22, 2022 Kishore Kumar
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September 29, 2021

भारत में नौ फीसदी लोगों की मौत कैंसर हो जाती है। कैंसर के मरीजों की संख्या में...

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August 31, 2021

आजकल उपलब्ध सुसंगठित योग पुस्तकों में आसन प्राणायाम मुद्रा बंध को अंतर्राष्ट्रीय जगत में एक विशेष स्थान...

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April 5, 2021

संन्यास मुक्ति का मार्ग नहीं, बल्कि परोपकार का मार्ग है, साधु प्रकारांतर से परोपकार ही करते हैं : स्वामी शिवानंद सरस्वती

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March 15, 2021

ब्रह्म-विद्या और योग शास्त्र-सिद्धांत दोनों ही है श्रीमद्भगवत गीता

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किशोर कुमार “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की..... गोकुल के भगवान की, जय कन्हैया लाल की...... “ जन्माष्टमी के मौके पर ब्रज में ही नहीं, बल्कि देश-दुनिया के भक्त इस बोल के साथ दिव्य आनंद में डूब जाएंगे। सर्वत्र उत्सव, उल्लास और उमंग का माहौल होगा। भजन-संकीर्तन से पूरा वातावरण गूंजायमान होगा। ऐसा हो भी क्यों नहीं। श्रीकृष्ण विश्व इतिहास और वैश्विक-संस्कृति के एक अनूठे व्यक्ति जो थे। विश्व के इतिहास में वैसा विलक्षण पुरुष फिर पैदा नहीं हुआ। वे लीलाधर थे,...

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भृगुसंहिता में कहा गया है कि नियति का निर्माण पहले “काल” में होता है। यानी घटना पहले “काल” में घटती है। उसके बाद अंतरिक्ष में। फिर “देश” में। योगेंद्र जी के जीवन में भी कुछ ऐसा ही हुआ। कैसे? पढ़िए विस्तार से।

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0410
2023

अंतर्राष्ट्रीय आयुष शिखर सम्मेलन 2023 कन्याकुमारी में आगामी 27-29 जनवरी को होगा। योगियों, चिकित्सा विज्ञानियों और अनुंसधानकर्त्ताओं के इस महाकुंभ में चिकित्सा की पारंपरिक भारतीय प्रणालियों के संवर्द्धन और प्रसार

0410
2023

उसके बाद अंतरिक्ष में। फिर “देश” में। योगेंद्र जी के जीवन में भी कुछ ऐसा ही हुआ। कैसे? पढ़िए विस्तार से। उसके बाद अंतरिक्ष में। फिर “देश” में। योगेंद्र जी

0410
2023

उसके बाद अंतरिक्ष में। फिर “देश” में। योगेंद्र जी के जीवन में भी कुछ ऐसा ही हुआ। कैसे? पढ़िए विस्तार से। उसके बाद अंतरिक्ष में। फिर “देश” में। योगेंद्र जी

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ऐ मेरे बच्चों, यदि तुमलोग दुनिया को यह संदेश पहुंचा सको कि ‘’क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते। क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप।।‘’ तो सारे रोग, शोक, पाप और विषाद तीन दिन में धरती से निर्मूल हो जाएं।

स्वामी विवेकानंद